रायगढ़ :- संविदा कर्मियों की मांग पूरी करने की बजाय उन पर कार्यवाही किए जाने की धमकी को भूपेश सरकार की तानाशाही बताते हुए सांसद गोमती साय ने कहा प्रदेश की राजधानी में नियमितिकरण की मांग को लेकर तीन सप्ताह से लगातार आंदोलन रत संविदा कर्मचारियों की मांग भूपेश सरकार को पूरी करनी चाहिए। आंदोलन कर्मचारियों की वजह से सरकारी दफ्तर में काम काज ठप्प पड़े हुए है। आम जनता को अंतहीन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।प्रदेश भर में संविदा कर्मचारियों संख्या 45 हजार के आसपास है
आंदोलन रत कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की बजाय भूपेश सरकार की ओर से संविदा कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कठोर कार्यवाही का आदेश जारी किया है। एस्मा के तहत कार्यवाही को सीधे तौर पर धमकी बताते हुए सांसद गोमती साय ने इसे तुगलकी फ़रमान बताया।सरकार की ओर से जारी पत्र का उल्लेख करते हुए सांसद ने कहा 3 दिनों के अंदर हड़ताल पर गए संविदा कर्मचारी और अधिकारी काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। हड़ताल में बैठे दुखी कर्मचारियों की व्यथा सुनने की बजाय ऐसी असंसदीय भाषा का उपयोग भूपेश सरकार के अहंकारी होने का प्रमाण है। सांसद गोमती ने भूपेश सरकार को चुनाव का पहले संविदा कर्मियों से किए गए वादे की याद दिलाई। सांसद साय ने कहा संविदा कर्मचारियों से वादाखिलाफी कांग्रेस को महंगी पड़ेगी।झूठे वादों के सहारे सत्ता हासिल करने वाला कांग्रेस धोखे की राजनीति करती है।वोट हासिल करने के लिए झूठे वादे करना कांग्रेस की नियति रही है।
सांसद ने सरकार के निर्णय को तुगलकी निरूपित करते हुए अलोकतांत्रिक बताया