
रायगढ़। सरकारी कार्यालय भवन निर्माण के लिए भी सरकार फंड दे रही है। इसका काम तो सबसे अच्छा होना चाहिए लेकिन हकीकत अलग है। ठेकेदार की मनमानी ऐसे भवनों में ज्यादा होती है। जिला परिवहन अधिकारी के कार्यालय भवन में तो ठेकेदार ने हद कर दी है। बीम की चौड़ाई एक जैसी नहीं है। दीवारों में दरारों को छिपाने के लिए पुट्टी लीप दी गई है। सरकारी निर्माणों में गुणवत्ता को लेकर हमेशा से सवाल उठते हैं। सालों पुरानी बिल्डिंग में उतनी दरारें नहीं होती हैं जितनी पिछले दो-तीन साल में बनी हुई बिल्डिंग में आ रही हैं।
मामला गढ़उमरिया में जिला परिवहन अधिकारी के कार्यालय भवन का है। करीब 83 लाख का बजट मंजूर किया गया था और ठेकेदार प्रताप कंस्ट्रक्शन ने 72 लाख में ठेका लिया है। इस भवन के निर्माण में बहुत लापरवाही की गई है। अभी हैंडओवर ही नहीं हुआ है और दीवारों में दरारें आ गई हैं। कमरे के अंदर बीम कहीं चौड़ी तो कहीं संकरी है। असमान बीम के कारण निर्माण में गड़बड़ी साफ दिख रही है। बाथरूम फिटिंग्स, दरवाजे, खिडक़ी में लगे एल्युमिनियम एंगल सबकुछ बहुत ही घटिया स्तर का है। दरवाजे तो एक-दो साल में ही खराब हो जाएंगे।

चौखट लोहे की है। ठेकेदार ने पहुंच दिखाकर घटिया क्वालिटी का निर्माण किया है। काम में फिनिशिंग ही नहीं है। जहां-जहां दरारें थीं, वहां पुट्टी से लिपाई कर दी गई है।
अधिकारी का बेटा-भतीजा है ठेकेदार
रायगढ़ में पीडब्ल्यूडी एनएच में एसडीओ एसएस भदौरिया पदस्थ रहे हैं, जो अब रिटायर हो चुके हैं। उनके बेटे और भतीजे ही परिवहन विभाग के कार्यालय का ठेका लिए हैं। दोनों ही काम देखते हैं। पूर्व एसडीओ की पहुंच का फायदा उठाकर दबाव डालकर काम किया जा रहा है।
