
कूपन के नाम पर टिकट बेचने का खेलधडल्ले से इसके कार्यकर्त्ता और पदाधिकारी कर रहे है। जिला प्रशासन इन सभी बातों से अंजान है। वही ये सामाजिक संस्था है इस आयोजन मे प्रवेश के लिए जनता चुका रही है 50 रुपये. आखिर इन सब पर क्यों नहीं जाता जिला प्रशासन का घ्यान। वही जिस बंगले के सामने गार्ड एक भी गाड़ी खड़े नहीं करने देते वहा पर सैकड़ो गाड़ियों का पार्किंग स्थल बन गया है। जब से यह आयोजन प्रारम्भ होता है इस मार्ग पर यातायात जाम होता है। यहाँ पर आने वाले लोग फूड स्टाल के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार का सामना भी कर रहे है। चेहरा पहचान कर अच्छा व्यवहार किया जा रहा है।
रायगढ़ के नटवर स्कूल में काईट फेस्टिवल का आयोजन किया जाना है लेकिन सबसे पहले हम आपको यह बनाना चाहते है कि इस फेस्टिवल के कारण बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ेगा जिसके विरोध में पालक संघ रायगढ़ SDM से शिकायत करने पहुचे थे एसडीएम साहब ने पलकों को कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
रायगढ़ कलेक्टर के आदेश की अवहेलना क्यों….?
रायगढ़ में पदस्थ कलेक्टर मुकेश बंसल ने 2014 में एक आदेश जारी कर यह निर्देश दिया था कि किसी भी शासकीय विद्यालय एवं छात्रावास का उपयोग पढ़ाई के अलावा किसी भी प्रकार के आयोजनों में नहीं किया जाएगा लेकिन इस बार यह क्यों हो रहा है यह किसी की समझ से परे है या फिर यह कहा जा सकता है कि पुराने कलेक्टर के आदेश का रायगढ़ में कोई अवचित्व नही है।
पूर्व में गैस सिलेंडर फटने की घटना घटित हुई थी….?
रायगढ़ के इसी नटवर स्कूल ग्राउण्ड में सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमे गैस सिलेंडर फट गया था उस मामले से सिख लेना चाहिए क्योंकि घटना बता कर नहीं आती और जब घटना घटित हो जाती है तो उसके बाद प्रशासन सिर्फ हाथ खड़ा कर देती है। लेकिन जिम्मेदार सिर्फ प्रशासन ही होती है।