नेशनल हाईवे काशीराम चौक महिंद्रा गोदाम के सामने ट्रांसपोर्टरों की आधा दर्जन भारी वाहने अक्सर खड़ी रहती है। यह चौक काफी संवेदनशील होने के बावजूद यहां नियमित रूप से यातायात के नुमाइंदे भी नहीं रहते हैं। इस चौक पर यातायात सिग्नल के भरोसे संचालित होती है। जबकि काशीराम चौक से औरदा पुसौर की ओर जाने वाली दुपहिया, चार पहिया वाहन तथा संस्कार स्कूल से शहर की ओर आने वाली वाहन एवं पैदल चलने वाले राहगीरों को हाईवे में लगे डिवाइडर की वजह से मजबूरन विपरीत दिशा से प्रवेश करने को मजबूर होते हैं। एक तो काशीराम चौक नेशनल हाईवे होने की वजह से यातायात का बहुत ज्यादा दबाव रहता है वहीं दूसरी ओर सड़क किनारे बेतरतीब खड़ी भारी वाहने राहगीरों का जान का दुश्मन बन गई है। राहगीरों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है तथा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।।
बता दे कि इस व्यस्ततम मार्ग में सड़क किनारे भारी वाहन खड़े करने वालों पर कार्यवाही की मांग करते हुए स्थानीय लोगों के द्वारा पुलिस और यातायात विभाग को मौखिक शिकायत के साथ साथ लिखित ज्ञापन भी दे चुके हैं तथा बेतरतीब खड़ी भारी वाहनों से हो रही यातायात समस्या को लेकर कई बार खबरें भी प्रकाशित हो चुकी है लेकिन शिकायत खबर प्रकाशन के बावजूद जिम्मेदार कुंभकरण निद्रा में लीन नजर आ रहे हैं। ज्ञापन सौंपे महीनों बीत जाने के बावजूद कार्यवाही ना होने से ट्रांसपोर्ट में चलने वाले भारी वाहनों की मनमानी चरम सीमा पर है। विभागीय नुमाइंदों को अवगत कराने से उच्च अधिकारियों से बात करने की बात कहते हुए अपने हाथ खड़ा कर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया किया जाता है। वहीं यातायात प्रभारी को भी फोन पर शिकायत और मौके की फोटो- वीडियो भेजने के बावजूद आधा दर्जन सुबह से खड़ी भारी वाहने देर रात तक यथावत खड़ी रहती है।।
जिम्मेदार हादसों से भी सबक लेने को तैयार…
बता दें कि आज से ठीक लगभग 1 वर्ष पूर्व एक स्कूल बस की दुर्घटना इस चौक पर भी हुई थी। गनीमत रही कि किसी प्रकार का बड़ा हादसा नहीं हुआ ना ही किसी प्रकार की जनहानि हुई किंतु हादसों से भी सबक लेने को तैयार नहीं है। जबकि बीते दिनों घरघोड़ा में स्कूल बस और ट्रेलर की दिल दहला देने वाली घटना सामने आ चुकी है। बच्चों से भरी स्कूल बस और ट्रेलर की आमने सामने की भयानक हादसे के बाद ट्रांसपोर्टरों और जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों की आपात बैठक बुलाते हुए बैठक में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर विशेष बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कार्यवाही के दिशा निर्देशदिए गए थे लेकिन उच्च अधिकारियों के दिशानिर्देशों की विभागीय नुमाइंदे ही धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।
नेशनल हाईवे 49 काशीराम चौक के आसपास बेतरतीब खड़ी सड़क वाहनो पर कार्यवाही ना होना कई प्रश्नों को जन्म देता है आखिर महिंद्रा सॉल्वेंट और राठी साल्वेंट के सामने ट्रांसपोर्टरों की भारी वाहन हमेशा खड़ी रहती है जिसकी वजह से नेशनल हाईवे सकरा हो जाता है तथा संस्कार स्कूल की ओर से से आने वाले दो पहिया चार पहिया राहगीरों को डिवाइडर की वजह से मजबूरन विपरीत दिशा से आना पड़ता है सड़क सक्रिय होने की वजह से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है तथा राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है इसी तरह औरदा मार्ग से पुसौर जाने वाले सभी दो पहिया चार पहिया और बड़ी वाहन भी काशीराम चौक से विपरीत दिशा होते हुए छत्तीसगढ़ ड्राइविंग स्कूल के पास औरदा मार्ग में प्रवेश करते हैं।। एक तो राहगीरों का विपरीत दिशा से प्रवेश करना तथा दूसरी ओर हाईवे के सड़क किनारे भारी वाहनों के खड़े होने से मार्ग का का संकरा हो जाना हादसों को न्योता देने की जैसा है।। ऐसा नहीं है कि इन सब मामलों को लेकर और यहां की मौके स्थिति के बारे में शासन प्रशासन और जिम्मेदार उच्चाधिकारियों को ज्ञात ना हो क्योंकि आए दिन जिम्मेदारों का भी इसी मार्ग से आना जाना होता रहता है लेकिन पता नहीं क्यों जिम्मेदार अधिकारी अपनी आंखें मूंद रखे हैं। नेशनल हाईवे काशीराम चौक के आसपास सड़क किनारे बेतरतीब ओवरलोड भारी वाहन एक तरह से लोगों की जान का दुश्मन बन गए हैं